घोटालों और घपलों की रोज़ रोज़ ख़बरों से अब उकताहट होने लगी है .हफ्ते में ऐसी दो बड़ी ख़बरें निराश करती है यह सोचकर की कहीं लज्जा है ही नहीं। आरोप हमेशा की तरह आयेंगें और आरोपी नहीं आरोप लगाने वालो को गालियाँ मिलेगी यह एक ट्रेंड की तरह चलता रहेगा , टीवी चैनल एक मसाले की तरह इसे चलाते रहेंगें अखबारों के पाने भी इसी तरह भरे जायेंगें। आखिर हज़ारो करोड़ के घोटाले और घपलों के कोई मायने है कि नहीं . .
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अरविन्द केजरीवाल अब जब राजनीति में आकर उन मसलों को उठा रहे हैं तो उसका स्वस्थ प्रतिकार करने से ज्यादा राजनैतिक लोग उनसे लड़ाई पर आमादा नज़र आ रहे हैं .यह कैसा लोकतंत्र है और कैसी व्यवस्था है केजरीवाल सही हैं या गलत लेकिन जो मामले वे सामने ला रहे हैं उसके कुछ निहित अर्थ तो होंगें , इस पर भी यदि कुछ अनर्थ है तो वह तार्किक दृष्टि से ही कटा जाना चाहिए .महालेखा परीक्षक की रपट को गलत करार देने से कोई आरोप मितथ्या नहीं हो जाते ऐसे आरोपों पर तथ्यों ओर प्रमाणों से काट की जाना चाहिए, लेकिन समय बहुत नाज़ुक चल रहा है और राजनीति दुश्मनी तब्दील होती दिख है .
दुश्मनी में राजनैतिक दुश्मनी भी एक प्रकार है इसे राजनीति से ही निबटा जाता है ज्यादातर राजनैतिक दुश्मनी दिखने की होती है अन्दर से दोस्त और घालमेल के पार्टनर होते हैं .ऐसा अब सामने भी आ रहा है . भिन्न भिन्न राजनेता भिन्न भिन्न विचार से आकर पेशेगत राजनीति के मित्र हो गए हैं और मिलकर काम निबटा रहे हैं .राजनीति में आज नीचे से ऊपर तक भ्रष्टता का आलम है . 2012 में आये अब तक के सभी घोटालों की रकम हजारो करोड़ की है जिनमे लगभग हर घोटाले में राजनैतिक संलिप्तता प्रत्यक्ष जाहिर हो रही है जाहिर है राजनीति में इस आरोप और फ़सने फ़साने के खेल से दुश्मनी बढ़ भी रही है और कहीं दोस्ती निभाई भी जा रही है .लेकिन इस समय इने राजनातिक पार्टी को की घोषणा करने वाले अरविन्द केजरीवाल बहुतों के सबसे रजनैतिक दुश्मन हो गए है रॉबर्ट वाड्रा के बाद सलमान खुर्शीद से दुश्मनी लेकर केजरीवाल अब राजनीति का सबसे बड़ा निशाना है . राजनैतिक पार्टियाँ उन्हें राजनेतिक मानने को तैयार नहीं है ज्यादातर को लगता है वे राजनीति में नासूर है जो लग गया तो जायेगा नहीं खा जायेगा . बीजेपी उनके साथ नहीं है लेकिन उन मामलों पर बीजेपी ही ज्यादा प्रखर विरोध कर रही है .केजरीवाल उन्हें भी नहीं छोड़ रहे हैं इसलिए कि जनलोकपाल पर बीजेपी ने संसद में दोहरी नीति अपनाई थी .
सवाल दुश्मनी का नहीं लज्जा का है . राजनैतिक दुश्मनी लोकतंत्र को मज़बूत करती है यह स्वस्थ ढंग से रहे .लेकिन उन मुद्दों को अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए जो आपके विश्वास को,विचार को और पहचान को तोड़ते हों . अभी यही हो रहा है लगभग हर राजनैतिक दल अपना विचार और विश्वास खोते जा रही है रजिस्टर्ड राजनैतिक दलों की संख्या बहुतेरी है लेकिन देश के लूटे जाने के मुददे पर सब एक मत नहीं है और न ईमान से विरोध कर रहे है सब अपने को बचा कर राजनीति कर रहे है यह लज्ज़ाजनक है और अस्तित्व को नकार रहे हैं .आखिर कहाँ खड़े ये लोग हैं, इन्हें क्यों लज्जा नहीं आती .
JADU
-- 2012
महाराष्ट्र सिंचाई घोटाले - हानि के बारे में 72,000 करोड़ रुपये (13.61 अरब डॉलर) के. [17] वर्तमान में मामला / भारत की खुफिया एजेंसियों की जांच की जांच के दायरे में है.
काइनेटिक फाइनेंस लिमिटेड घोटाले - बैंकों के बारे में 200 करोड़ रुपए (37.8 लाख डॉलर) को खो दिया. [18] वर्तमान में मामला / भारत की खुफिया एजेंसियों की जांच की जांच के दायरे में है.
अल्ट्रा मेगा पावर परियोजनाओं घोटाले - केंद्र सरकार 29,033 करोड़ खो दिया (5.49 अरब डॉलर) के कारण अनुचित अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस पावर के पक्ष में [1] [19].
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के घोटाले - केंद्र सरकार जीएमआर के नेतृत्व वाली डायल करने के लिए अनुचित पक्ष में 166,972.35 करोड़ रुपये (31.56 अरब डॉलर) को खो दिया. डायल (दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड) जीएमआर समूह (50.1%), फ्रापोर्ट एजी (10%), मलेशिया (10%) हवाई अड्डों, भारत विकास कोष (3.9%), और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (26% के एक संघ है ) [20]. [21]
आंध्र प्रदेश भूमि घोटाले - 1,00,000 (18.9 अरब डॉलर) करोड़ [22]
विदेशी मुद्रा derivates घोटाला 32,000 करोड़ रुपये (6.05 अरब डॉलर) [23] [24]
तमिलनाडु में ग्रेनाइट घोटाले - [25]
सर्विस टैक्स और सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी धोखाधड़ी - १९,१५९ करोड़ रुपये (3.62 अरब डॉलर) करोड़) [26] [27]
गुजरात पीएसयू वित्तीय अनियमितताओं - 17,000 करोड़ रुपये (3.21 अरब डॉलर) [28] [29]
महाराष्ट्र स्टाम्प ड्यूटी घोटाले - 640 (120.96 मिलियन अमेरिकी डॉलर) करोड़ [30] [31]
महाराष्ट्र भूमि घोटाले [32] [33] [34] [35] [36] [37] [38]
एमएचएडीए मरम्मत घोटाले - 100 (18.9 लाख अमेरिकी डॉलर) करोड़ [39]
राजमार्ग घोटाला - 70 करोड़ (13.23 लाख डॉलर) [40] [41] [42]
विदेश उपहार घोटाले [43] के मंत्रालय [44] [45]
हिमाचल प्रदेश पल्स घोटाले [46] [47]
फ्लाइंग क्लब धोखाधड़ी - 190 (35.91 मिलियन अमरीकी डॉलर) करोड़ [48]
आंध्र प्रदेश के शराब घोटाले [49] [50]
जम्मू और कश्मीर क्रिकेट संघ के घोटाले - लगभग 50 करोड़ रुपए (9.45 लाख अमेरिकी डॉलर) [51] [52]
जम्मू और कश्मीर पीएचई घोटाले [53]
जम्मू और कश्मीर भर्ती [54] घोटाला
जम्मू और कश्मीर examgate [55] [56]
जम्मू और कश्मीर दंत [57] घोटाला
पंजाब धान घोटाला - 18 करोड़ रुपए (3.4 मिलियन डॉलर) [58] [59]
एनएचपीसी सीमेंट घोटाले [60]
हरियाणा वन घोटाले [61] [62] [63] [64] [65] [66] [67] [68] [69] [70]
(पुणे) Girivan भूमि घोटाले [71] (पुणे जमीन घोटाला है जो 2011 के दौरान प्रकाश में आया के साथ भ्रमित होने की नहीं)
शौचालय घोटाला [73] [72]
उत्तर प्रदेश स्टाम्प ड्यूटी घोटाले - 1200 (226.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर) करोड़ [74]
उत्तर प्रदेश बागवानी घोटाले - 70 (13.23 मिलियन अमरीकी डॉलर) करोड़ [75]
उत्तर प्रदेश हथेली वृक्षारोपण घोटाला - 55 करोड़ रुपए (10.4 लाख डॉलर) [76] [77] [78]
उत्तर प्रदेश बीज घोटाला - 50 करोड़ रुपए (9.45 लाख डॉलर) [79] [80]
उत्तर प्रदेश हाथी प्रतिमा घोटाले [81] [82] [83] [84] [85]
पटियाला भूमि घोटाले - 250 करोड़ (47.25 लाख डॉलर) [86] [87] [88] [89]
कर वापसी घोटाले - 3 करोड़ रुपए (567,000 डॉलर) [90] [91]
बेंगलुरु मेयर निधि घोटाले [91]
रांची अचल संपत्ति [92] घोटाला
दिल्ली सर्जिकल दस्ताने खरीद [93] घोटाला
Aadhar घोटाले [94] [95] [97] [96]
बीईएमएल हाउसिंग सोसाइटी घोटाले [98] [99] [100]
एमएसटीसी सोने निर्यात घोटाले - 464 (87.7 लाख अमेरिकी डॉलर) करोड़ [101]
टिन घोटाले [102] [103]
Nayagaon (पंजाब) भूमि घोटाले [104]
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