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Thursday, October 1, 2015

संभावना का राज्योद्य!

संभावना का राज्योद्य! 
उगते हुए और महत्वकांक्षाओं के पालतू राजनैतिक लोगों को आज खबरदार हो जाना चाहिए । एक इंदौरी नेता राष्ट्रीय राजमण्डल पर उभर रहा है । इंदौर के कैलाश विजयवर्गीय बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त हुए हैं । भाई पत्रकारिता के इतर मुझे बहुत ख़ुशी है। बरसों से यह अरमान संजोय बैठा था इंदौर से राजनैतिक उपज की शीर्ष पैदावार हो । यह साल बहुत अच्छा है या यूँ कहे इंदौर के अच्छे दिन आ गए हैं। एक साथ दो नेता बड़े पदों पर काबिज़ हुए है । हमारी सौम्य ताई यानी सुमित्रा महाजन लोकसभा के सर्वोच्च पद पर आसीन है उनकी आसंदी है और बाक़ी सभी की सीटें हैं । गर्व और गौरव है हमें आज कैलाश विजयवर्गीय देश की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी में महासचिव नियुक्त हुए हैं ।
मेरे अंदर की अभिलाषा और बढ़ रही है कुलाचें मार रही है ।दरअसल मेरा सपना है प्रदेश का मुख्यमंत्री इंदौर से हो। भाई शिवराज जी मुझे माफ़ करना इसलिए कि आप एक अच्छे और नेक इंसान हैं । मैं कैलाश को आगे करके आपको कोई चुनौती नहीं देना चाहता बस मैं इंदौर के राज नेतृत्व को आगे बढ़ते देखना चाहता हूँ । मेरे लिए यह असह्ज ,असह्य और असम्मान है कि मैं इंदौर में जन्मित होकर आज तक प्रदेश के इस सबसे बढ़े शहर से कोई मुख्यमंत्री नहीं देख सका ,मुझे अब तक कुंठा होती रही है । प्रकाशचंद सेठी इंदौर के कहलाये पर असल में वे भी उज्जैन से थे। मैंने इंदौर की राजनीति को बेहद करीब से देखा है। अपने दौर में मैंने इंदौर से मुख्यमंत्री की कई सभवनाओं को तलाशते हुए कभी सुमित्रा महाजन की और देखा तो कभी कैलाश विजयवर्गीय की ओर। दरअसल मुझे इन दोनों में ही मेरे सपने की सम्भावना नज़र आती थी, इसलिए ताई के शुरूआती पारी में ही मैंने जनसत्ता में प्रकाशित एक ऐसा इंटरव्यू किया जिसमें एक ही तरह के सवाल दोनों लोकसभा उम्मीदवार पी सी सेठी और सुमित्रा महाजन से किये गए थे , सम्भवतः इस तरह का देश में पहला इंटरव्यू था। कैलाश विजयवर्गीय के लिए जनसत्ता में ही एक बार जब लिख दिया कि इस युवा राजनैतिक में भविष्य की अपार संभावना है तो कैलाश जी ने ही टोका बंसल जी इतना आगे मत बढ़ाओं बहुत जल्दी हो जायेगी।
लेकिन कैलाश विजयवर्गीय आगे बढ़ते गए और आज उस मुकाम पर हैं जहाँ से हम अपने प्यारे शहर से राज नेतृत्व का शीर्ष देखना चाहते है फिर यह राज नेतृत्व हमें सुमित्रा ताई से मिले या कैलाश विजयवर्गीय से ।एक बार पुनश्च माफ़ी आदरणीय शिवराज जी चौहान से आखिर यह संभावना का राज्योद्य है !!
सुरेन्द्र बंसल

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