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Thursday, October 1, 2015

सावधान हो जाइये

सावधान हो जाइये 
आज केजरीवाल कह रहे थे जैसे उनके मंत्री तोमर के मसले पर वे धोखे में रहे उस तरह मोदी जी सुषमा और वसुंधरा के मसले पर धोखे में न रहे । जाहिर है तोमर की चार सौ बीसी से दिल्ली सरकार की लख लख बदनामी के बाद केजरीवाल खबरदार हो गए हैं और प्रधानमंत्री मोदी को चेता रहे हैं वे बेखबर न रहें।
दरअसल सारे मामले बेखबर रहने के हैं ।आप जब अपने मग्न में होते हो तो बहुत सी बातों से बेखबर हो जाते हैं । सजगता खबरदार रहने का पर्याय कर्म है। इससे दूर रहना याने बेखबर हो जाना है। सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे का दोष बेखबर रहना है। मैं यह नही। मानता कि सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे ने किसी स्वहित , आर्थिक हित से ललित मोदी को मदद की थी । ये दोनों राजनीति के साफ़ सुधरे और उजले पक्ष हैं फिलवक्त इनमें दाग ढूँढना एक तरह से बदनियति है। राजनीति में जब अच्छे कार्मिक लोगों की फेहरिस्त बनायें तो इन नामों को अलग नहीं किया जा सकता । फिर ललित मोदी के साथ नाम जोड़ा जाना उपयुक्त नहीं हैं।
फिर भी इन्हें सजग चौकन्ना तो रहना ही था और जब आप सार्वजनिक जीवन में हों तब आपकी जवाबदारी और बढ़ जाती है । सुषमा स्वराज और वसुंधराराजे ने यही गलती की है । सजगता को खो कर उन्होंने मर्यादित नीति को छोड़ दिया ।
देश को आज भी अच्छे राजनीतिज्ञों की अहम जरुरत है। ऐसे मसलों की अनदेखी करना कीचड के रास्तों पर बेखबर चलना है फिर दाग तो लगेंगे ही । सावधान हो जाइये वक़्त बहुत है लेकिन वक़्त दोबारा मौका नहीं देता ।
सुरेन्द्र बंसल 12.45/24.6.15

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