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Sunday, November 13, 2011

हो दम तो नंगो को हमाम के बाहर ही पकड़ लो .

by Surendra Bansal on Sunday, November 13, 2011 at 9:52pm
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भंवरी देवी कहाँ है यह सीबीआई समेत किसी को नहीं पता लेकिन राजस्थान के बर्खास्त जल संसाधन मंत्री महिपाल  मदेरणा ने भंवरी के साथ क्या ताल्लुकात रखे यह सबको पता है . खबर है कि जो नई सीडी सीबीआई के हाथ लगी है उसमें मदेरणा ९ लड़कियों के  साथ आपतिजनक स्थिति में देखे गए हैं . वहीँ भंवरी का  दावा है  कि उसकी बड़ी बेटी कांग्रेस विधायक मलखान सिंह की पुत्री है. जाहिर है पति होते हुए भंवरी के कई लोगो से सम्बन्ध रहे है जो लज्जाजनक हैं इसलिए मदेरण की नैतिक गिरावट की चर्चा होने के बजाये पहले भंवरी के अपहरण का मामला सुलझाया जाना चाहिए .

सीबीआई अभी तक भंवरी का कोई पता नहीं लगा पाई है और इसके लिए शंकित जिम्मेदार लोगो से पूछताछ तक नहीं की गयी है , भंवरी को लापता हुए दो महीने से अधिक हो गए हैं पर यह पड़ताल क्यों नहीं पूरी हो सकी कि आखिर भंवरी है कहाँ  ? क्या उसका अपहरण कर मार डाला गया है जिसकी खबर है उसे भट्टे में भुन दिया  गया , या भंवरी खुद गायब है और अपने बढते भंवर में फंसे लोगो से बदला ले रही है या उसे राजनैतिक बदले के लिए मोहरा बनाया जा रहा है , जो भी हो भंवरी एक महिला है वह अपने घर से लापता है और इस मामले में वीईपी  कालर वाले नामचीन लोग लोग शामिल है . ऐसी स्थिति में पहली प्राथमिकता राज्य गृह विभाग की है . कि वह इस उच्च मामले में गहरे से छनबीन करवा कर सबसे पहले भंवरी देवी के अपहरण ,हत्या या जालसाजी का पता लगाए .

बहरहाल सब महिपाल मदेरणा के मज़े लेने में लगे हैं . मदेरणा क्या है यह तो सीडी में सब आ चूका है उसकी क्या खबर आप हर रोज़ देंगें पहले उस भंवेरी का पता तो लगवाएं वह आज किस हालत में है ., है या नहीं है , कौन उसे काम में ले रहा है , क्या वह ब्लेकमेल हो रही है या  वह ब्लेकमेल कर रही है ? कांग्रेस के एक अन्य  विधायक मलखानसिंह पर आरोप है कि  भंवरी की बड़ी बेटी का वह पिता है . सवाल यह है कि जब भंवरी के पति को यह चिंता नहीं थी कि भंवरी के साथ क्या हो रहा है , भंवरी के साथ किस किसके नाम जुड़े हैं तो पहली बात चरित्र को प्राथमिकता से परखने के बजाये पहली प्राथमिकता उस अपराध की तरफ देखने की है जिससे मानवता जुडी है . मानवता के नाते भी पहले यही देखा जाना चाहिए कि भानेअरी देवी कहाँ और कैसे परिस्थिति में है . और ही भी  या नहीं . इसलिए भी कि देर होने पर मामला सबूतों से दूर होता जाएगा और अपराधी बच निकलेंगे.

 इसलिए भंवरी का भंवर मदेरणा , मलखान य किसी अन्य को कहाँ दुबोयेगा इससे ज्यादा भंवरी की फिक्र करने और वास्तविकता का पता लगाने कि है ताकि सच्चे या झूटे सब अपराधी बेनकाब हो. अखीर राजनीति आज गंदे परवान पर चडी हुई है और उसका इस्तेमाल दुश्मनी निकालने के लिए किया जा रहा है जबकी ऐसे मामलों की आज बाद है , हर किसी के कपडे आज इतने काले हैं कि दाग एकदम नज़र नहीं आते और ऐसे काले कपडे वालों की बहुतायत ज्यादा है , मामले सिर्फ दुश्मनी से ही बाहर आते है , नैतिकता बची है नहीं और नंगे होकर हमाम की ओर भागने वाले लोग ज्यादा हैं . हो दम तो नंगो को हमाम के बाहर ही पकड़ लो .