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Sunday, November 11, 2012

रोशनी के पर्व पर दमकते काले लोग ..

दीपों के पर्व दीपावली पर कितना ही प्रकाश फैले लेकिन इस बार अँधेरा और कालापन ज्यादा नज़र आ रहा है,जो दीख रहा है वह जाहिर  है कि इस उत्साह के प्रकाश को धोखे  के स्याह बादल ढकें हुए है और काले चेहरे सत्ता की चमक से कितने दमक रहे हैं। इस दीपावली पर जब लोग  लक्ष्मी के शुभागमन के लिए घर के बाहर दीप प्रज्ज्वलित करेंगें तो उन्हें सबसे पहले वे काले चेहरे नज़र आयेंगें जिन्होंने राष्ट्र की लक्ष्मी को बेहिसाब लूटा है  लेकिन  इस लुट से चमकते काले चेहरों का ही सवाल  नहीं है शुभता के बोल भी इस उत्साह के उत्सव पर फीके पड़े हैं . दीपावली की पहली प्राथमिकता शुभवचन है जो बधाइयों के सिलसिले से रूपांतरित और हस्तांतरित होते हैं .लेकिन इस शुभ मौके पर राजनेताओं के काले बोलों ने भी दीप पर्व की शुभता को गन्दला दिया है . 

अरविन्द केजरीवाल मीडिया में सबसे ज्यादा चमक रहे हैं और वे रोज़ ही फटाके -बम छोड़ रहे हैं लेकिन उनके बमों से जो धुंआ निकल रहा है  उसने चमक-दमक वाले बहुत से लोगों के चेहरे स्याह कर दिए हैं, रिलायंस,बिड़ला,जेट और भी ऩामी कंपनिया उनके लोग , नेता ,अफसर सब के सब आम लोगों की रोशनी को छिनने के अपराधी नज़र आ रहे हैं  लग रहा है आम लोगों की दिवाली जो  दिन-ब-दिन बेहतर ,उत्साह से परिपूर्ण और चमक से भरपूर उदित सूरज सी होना चाहिए थी उसका यह हक मार लिया जा रहा है .स्विस बैंकों में किसका कितना कला धन जमा है उससे ज्यादा प्रामाणिकता  इस बात की है कि  जिस किसी के भी हो स्विस बैंक में भारतीयों का काला धन तो है, कितना है स्वाभविक है करोड़ों में है , यह सरकार को भी पता है ,अरविन्द केजरीवाल ने इसी को खुलासा करते हुए बताया है कि  सिर्फ एक चीनी बैंक में ही 700 भारतीयों के ऐसे अकाउंट हैं जिसमे काला धन  हवाले की तरह स्विटज़रलेंड भेज दिए गये हैं और यह अपराध सरकार की नज़र में है फिर भी कोई बात है नहीं क्योंकि  यहाँ सब चलता है .सरकार  को काले चेहरे नज़र आ रहे हैं फिर भी कालिख घट नहीं बढ़ रही है, क्यों ? यहाँ उन घोटालों को दोहराने की अब जरुरत नहीं है जिनसे इस राष्ट्र का आमजन लुटा ठगा गया है .

आम जन के हक की रोशनी छिनने  वाले लोगो के साथ चर्चा में फिलहाल ऐसे लोग भी आ गए हैं जो सत्ता  में ऊँचें पदों पर हैं और हल्की नीची बातें कर दीपावली के शुभ मौके पर कर रहे हैं . ये लोग महिलाओं को लेकर ज्यादा संवेदनशील हो गए हैं . जहाँ त्यौहार के मद्देनज़र बधाई और शुभ वचनों की बातें होना चाहिए वहां ये बड़े लोग छोटी ओर निम्न बातें करने की प्रतिस्पर्धा  कर रहे हैं  उन बातों को भी दोहराने की जरुरत नहीं है और न हीं ऐसे हलके वाचाल वृत्ति के लोगो को नामज़द करने की जरुरत है . जरुरत यह समझने की है कि  दीपावली का त्यौहार शुभ बातों के लिए ही जाना जाता है और वही दोहराया जाता है लेकिन बहुत  ही हलकी बातें इन दिनों की जा रही है कुछ लोग तो इसमे पारंगत हो गए है तो कुछ लोग इसमें मीर बनने जा रहे हैं .

लेकिन दीपावली रोशनी का त्यौहार है किसी तरह का रंज नहीं करते हुए इस त्यौहार को शांति, सौहादृता और उत्साह से ही सबको मनाना है इस उम्मीद के साथ कि  काले चेहरे और काले बोलों के बदनाम लोग दीप पर्व की  रोशनी में इस तरह पहचान लिए जाय्रेंगें कि उनकी हिम्मत फिर आम लोगो की रोशनी को छिनने की कभी न हो , दीपावली पर्व की आप सभी को शुभकामनाएं और शुभवंदन !