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Sunday, February 17, 2013

घोटालों के पंख


अब हेलीकाप्टर घोटाला . ज्यादा बड़ा नहीं 362 करोड़ की घूसखोरी का .बड़ा इसलिए नहीं कि  देश ने इससे कहीं बड़े और भीमकाय घोटाले झेले हैं .अच्छा यह है कि  सरकार  ने बहुत जल्द सक्रियता दिखाई है , इटली से जानकारी मांगी है ,सीबीआई को जांच का जिम्मा सौंपा है हालाँकि सरकार तब जागी जब इटली में हेलीकाप्टर कंपनी के अधिकारी को गिरफ्त में लिया गया ,  पूर्व एयर चीफ मार्शल एसपी त्यागी के परिवार का नाम आना हैरत भरा भी और चिंतनीय भी .

देश बड़े घोटालों की गिरफ्त और षड्यंत्र में कब से है इससे ज्यादा यह है कि  इनदिनों घोटालों के पंख लग गए है , लगभग हर तीसरे चौथे  महीने एक घोटाला सामने आ रहा है .हो सकता है इस दफा सरकार  के भीतर स्थापित नेता इस घोटाले में तात्कालिक रूप से नज़र नहीं आ रहे हैं इसलिए सरकार जागी और चलती दिख रही है फिर भी तीन हिस्सों में बंटे  पैसो में सबसे ज्यादा सस्पेंस उस 217 करोड़ के है जो क्रिश्चन मार्शल के हिस्से से बंटे  हैं, यह पैसा मार्शल ने किसको दिया कितना दिया और कहाँ दिया इटली में या भारत  में ,इसका खुलासा होना बाकी है . रक्षा मंत्री सीबीआई को लेकर इटली पहुँचने वाले है ,जानकारी जुटाना उनका मकसद है जिसे देने से इटली की कोर्ट ने इंकार कर दिया है। जाहिर है जिस तरह घोटाले के पंख  लगे हैं अब सरकार के भी पंख लग गए हैं और वह पड़ताल करने उड़ कर इटली जा रही है .

पूर्व एयर चीफ मार्शल एसपी त्यागी के परिवार का नाम आना इस सक्रियता का कारण हो लेकिन ऐसी  सक्रियता हर घोटालों पर होना चाहिए ,जितनी  तेज़ी से घोटाले  हो रहे है उतनी ही तेज़ी से उसकी पड़ताल भी होना चाहिए . घोटाले तेज़ी से बन रहे है उड़ रहे है तो उन्हें तेज़ी से पकड़ना और कैद करना भी ज़रूरी है फिर वह हेलीकाप्टर घोटाला हो या और कोई . लगता भी यही है कि  सरकार अब घोटालों के पंख काट लेना चाहती है लेकिन यह कोशिश पूरी भी होना चाहिए और ईमान से  होना चाहिए देश अब उसके साथ और धोखा नहीं देखना चाहता यह समझ लेना भी ज़रूरी है। अपराधी कहीं भी हो किसी भी तरफ से  हो जिसका भी हो वह देश का अपराधी है उसे उसी अनुसार सजा मिलना चाहिए तभी बढ़ते घोटालों के पंख कट सकेंगें .
सुरेन्द्र बंसल 

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