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Monday, August 12, 2013

रज़ा ने की मुराद पूरी


हो सकता है यह अनहोनी में हुआ हो ,लेकिन कांग्रेस के लिए ईद पर रजा मुराद बड़ा काम कर गए। शिवराज की मौज़ूदगी में मोदी पर कटाक्ष किसी उपहार से कम नहीं है और तब जब प्रदेश अध्यक्ष समेत तमाम नेता वहाँ मौजूद हो। मुख्यमंत्री ईद मिलन के लिए आये हों और तारीफ़ के रास्ते से विवाद की गेती से यदि गड्डे खोद दिए जाएं तो लगता है यह किसी की रजा से मुराद पूरी करने का उपक्रम है।   

रज़ा मुराद ने कितना अभिनय किया और किसलिए किया इससे ज्यादा महत्वपूर्ण  है किसके लिए किया। हालाँकि रज़ा कह रहे है उन्होंने कुछ नहीं किया वे तो सिर्फ गुजरते हुए ठहर गए और जो समझ पड़ा कह गए लेकिन जाहिराना तौर पर यह कांग्रेस के लिए एक तोहफा है तो बीजेपी के लिए भीतर आग सुलगाने वाला भी। रज़ा मुराद की लगायी चिंगारी ने मीडिया चैनलों पर जमकर आग बरसाई और वे दिन भर  भागते भागते अपनी सफाई देते रहे और कहीं तो वे उठकर भाग चले। 

सवाल यह है की रज़ा ने इतना कूटनीति से  बयान क्यों दिया  जिससे एक जगह आग दूसरी जगह राहत महसूस हुई। आखिर रज़ा ने किसकी मुराद पूरी की ,कांग्रेसियों की या बीजेपी के मोदी विरोधियों की। दरअसल राहत बीजेपी के भीतर आडवाणी समर्थकों को भी मिली है लेकिन इससे बीजेपी के भीतर मामला सुलगा , इसे नरेन्द्र मोदी पर आक्रमण बताया गया और चूँकि शिवराज चौहान वहां मौजूद थे इसलिए यह चिंगारी तेज़ भड़की।  सवाल उठे कि क्या शिवराज ने टोपी जानकार पहनी ? रजा  की हरकत से शिवराज नाहक बदनाम हो गए और उन्हें मोदी से भिड़ने , मोदी को टक्कर देने का औजार बना दिया गया. यह इसलिए भी की जिस वक़्त रजा यह मुराद पूरी कर रहे थे शिवराज उनसे सटे वहीँ खड़े थे   शिवराज ने जब टोपी पहनी तो उन्होंने भी मुस्लिम वोटो को रिझाने का उपक्रम किया था रज़ा  ने इसे अपरोक्ष रूप से मोदी की टोपी विवाद से जोड़कर  इस पर पानी फेर दिया और आग लगा दी। 

यह कहीं नहीं लगता कि  यह रज़ा  की मुराद थी।  जाहिर होता है यह किसी की रज़ा से पूरी की गयी मुराद थी ,रजा मुराद घबराए से दीखते रहे इसलिए कि  वह राजनीतिज्ञ नहीं है बोल गए कहने से और बे-सोचे , सफाई उनसे बनी नहीं और मिठास में कडवाहट डालने का काम ईद पर कर गए। उन्होंने मुस्लिमों में यह सन्देश दे दिया की नरेन्द्र मोदी ने टोपी नहीं पहनी थी इसे याद रखो वहीँ शिवराज की तारीफ़  कर यह दिखलाया कि यह टोपी में असलियत कितनी है और अल्पसंख्यकों की रहनुमाई कितनी है , बहुत गहरे और विषम अर्थो वाला कटाक्ष राजा मुराद ने किया । बीजेपी की दृष्टि  से इसे नकारात्मक ही कहा जा सकता है जबकि कांग्रेस के लिए सकारात्मक।  इसलिए कह सकते है रजा ने मुराद तो कांग्रेस की पूरी की ईद के उपहार की तरह और बीजेपी की मीठी सिवैय्याँ को वही शिवराज सिंह के सामने ढोल दिया।  

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