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Saturday, May 18, 2013

फिक्सिंग के स्पॉट


फिक्सिंग का बवाल कुछ दिनों में ठंडा पड़ जाएगा आईपीएल 6 के स्पॉट बस स्पॉट रह जायेंगें और आईपीएल  7 आ जाएगा उसी गलैमर , भव्यता, तैयारी ,पैसो से महीने भर तक धूम मचाएगा लेकिन क्या कोई फिक्सिंग जैसे स्पॉट फिर होने से रोक पायेगा .मुझे मुश्किल लगता है . बीती गलतियों से आईपीएल के आयोजको ने कोई सबक नहीं लिया और न हीं कोई सुधार किया. पकडे गए तीनो खिलाडी बेन हो जायेगें जो नहीं पकड़े गए हैं वे फिर खेलेंगें उसी तरह जैसे आईपीएल चलता रहा है इसलिए भी कि फिक्सिंग के स्पॉट दो तरह के हैं  एक- दाग, जो इन खिलाडियों और बुकियों के पकडे जाने से लग गए हैं और दो- जगह, जो आईपीएल फोर्मेट में सटोरियों के लिए ही जैसे तैयार की गयी है 

पहले चर्चा दाग याने उन स्पॉट की जिनकी वजह से यह खुलासा हुआ कि आयपीएल सटोरियों के लिए एक उत्सव भरे बाज़ार की तरह काम कर रहा है.आईपीएल खेल रहे खिलाडियों को बेशुमार पैसा मिल रहा है, इन खिलाडियों को लग रहा है और दिख रहा है आखिर आईपीएल में चल क्या रहा है .क्या खेल जा रहा है और क्या दिखाया जा रहा है इसमे कितना क्रिकेट है और कितना धंधा है जब सब धंधा कर रहे हैं तो ये खिलाडी जो युवा हैं क्यों पीछे रहे .उन्हें जरुर फुसलाने के लिए बताया गया होगा किस और कितने खिलाडियों ने इस तरह कितना पैसा कमाया , और किस किस को इस फिक्सिंग की काली  कमाई बंटती है और वे कितने सुरक्षित हैं . इस बहलाने फुसलाने से भरे लालच ने श्री संत , चव्हान  और चदिला को फंसा लिया बदकिस्मती से ये तीनो पकडे गए इसलिए भी कि  पुलिस के ट्रेप पर सूचनाओं से राजस्थान रोयल्स ही थी और ये तीनो खिलाडी उसी टीम के थे इसलिए फंस गए और क्रिकेट के दाग बन गए .इन खिलाडियों पर से ये दाग मिटना अब मुश्किल है.लेकिन क्या आईपीएल में इतने ही दाग हैं या और भी हैं जो दिखाई नहीं दे रहे हैं .

जगह याने फिक्सिंग के स्पॉट दो तरह से है एक जो खेल के हर बारीक पहलु गेंद ,रन ,नोबाल,वाइड बॉल ,कैच और आउट समेत तमाम जगहों को सट्टे के लिए फिक्स कर रहा है और खेल को सट्टा  बना रहा है और दूसरी वे जगहें है जिनसे इन सटोरियों बुकियों के तंत्र को भीतर घुसने का मौका दे रही हैं . दरअसल आईपीएल में जो फ्रेंचायाजिस कंपनिया हैं वे भी बेशुमार पैसा लगा कर अनाप शनाप पैसा कमा रही हैं .इसलिए कहा जा सकता है कि जहाँ पैसा प्रमुख हो वहाँ कमाई का साम,दाम दंड ,भेद सब चल रहा होगा याने फिक्सिंग से ये फ्रेंचायाजिस कंपनिया अछूती हों जरुरी नहीं है .ये टीमो के मालिक भी बुकियों के लिए एक रास्ता हो सकते हैं .वैसे आईपीएल का फोर्मेट जिस तरह से तैयार किया गया है उससे लगता है क्रिकेट से जुड़े तमाम और हर स्तर के लोग अपरोक्ष रूप से इस धंधे में एक रेकेट बना कर काम कर रहे हो तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

जाहिर है स्पॉट फिक्सिंग के बहुत से स्पॉट हैं जो शायद इसीलिए बनाये भी गए हों चूँकि सरकार  के भीतर के बड़े लोग इसमे है,क्रिकेट के बड़े लोग इसमे हैं , ग्लैमर है , नामचीन लोग है और सब धंधा कर रहे हैं . मैंने  कभी लिखा था आईपीएल से क्रिकेट रेसकोर्स  का घोडा हो गया है आप देख रहे है उसी तरह यह दौड़ भी रहा है, चल भी रहा है और खेल भी रहा है कीमत  बाहर भीतर खुल के लग रही है .बदनाम सट्टे बाज़ार की तरह .
सुरेन्द्र बंसल 

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