Powered By Blogger

Sunday, May 13, 2012

वह मेरी माँ है



भगवान  से  कोई  बढकर  है
तो  माँ  है ,
दुःख  में  कहीं  आंसू  है   
तो  माँ  है ,
सुख  में  कहीं  लब पर  मुस्कान  है  
तो  माँ  है ,
जिंदगी  की  कोई  पहरेदार  है  
तो  माँ  है ,
ईमान  की  कोई  इबारत  है  
तो  माँ  है ,
ख़ुशी  का  कहीं  दरिया  है  
तो  माँ  है ,
छुपने  का  कहीं  आँचल  है  
तो  माँ  है 
मंजिल का  कोई  ठिकाना  है  
तो माँ  है ,
डांट  में  भी  प्यार  है  
तो  माँ  है 
दूर  हुए  रिश्तों  का  कोई  जोड़  है  
तो  माँ  है 
बेटा  किसी  के लिए  हीरो  है  
तो  वह  माँ  है 
जो  दुःख  भूल  सुख  बाँटें 
वह  मेरी  माँ  है 
भगवान्  से  जो  बढकर  है  
वह  माँ   है .....
- सुरेन्द्र बंसल 
सित. 2011

No comments:

Post a Comment

thanks for coming on my blog